शैली: हॉरर | थ्रिलर | रहस्य
गांव दुर्वन के पीछे का जंगल किसी श्राप से कम नहीं था। लोग उस जर्जर लकड़ी की बाड़ के पास भी नहीं जाते थे, जिसे वक़्त ने चाट लिया था और बेलों ने जकड़ रखा था। वहाँ की हवाओं में कुछ फुसफुसाता था। कहते हैं, उस जंगल में एक पुराना विला है – सेवरिन विला – जो अब सिर्फ़ एक घर नहीं, एक जिंदा डर बन चुका है।कोई नहीं गया। कोई नहीं लौटा।
सिवाय एक इंसान के — रिवन डे। रिवन एक वाइल्डलाइफ डॉक्युमेंट्री फिल्ममेकर था। जंगल उसकी आदत में था। उसने कई रहस्यमयी जगहें देखीं, लेकिन जब उसे एक शराबी गाइड से दुर्वन गांव की बात पता चली, उसका मन बेचैन हो गया।
> "वो गांव नक्शे पर नहीं मिलेगा, लेकिन वहाँ कुछ है... वहाँ से लौटे लोग वही नहीं रहते।"
वो एक महीना बाद दुर्वन पहुंचा। गांव धुंध में डूबा था, जैसे समय ने उसे छोड़ दिया हो। लोग शांत थे, लेकिन डरे हुए नहीं — जैसे उन्हें सब पता था, लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता। तीसरी रात, वो गांव के एक पुराने सराय में गया। एक बूढ़ा आदमी फटी आंखों और कांपते हाथों के साथ बोला—
> "तू उसके लिए आया है, है ना?"
> "किसके लिए?"
> "जो जंगल में रहती है... वो लड़की। जिसे किसी ने नहीं देखा, लेकिन हर रात सुनते हैं।"
रिवन का दिल धड़क उठा। उसने तो अब तक किसी से पूछा भी नहीं था।
> "वो विला... कभी एक अमीर परिवार का था। एक रात सब गायब हो गए। कोई खून नहीं, कोई शव नहीं। बस... गायब।"
अगली सुबह, रिवन कैमरा, टॉर्च और कुछ ज़रूरी सामान लेकर जंगल की तरफ निकल पड़ा। बाड़ पार करते ही जैसे किसी ने दरवाज़ा बंद कर दिया। हवा ठंडी हो गई। पत्ते हिले बिना सरसराने लगे। पक्षी चुप थे। दो घंटे बाद उसे कुछ अजीब चीजें मिलीं—एक पुरानी साइकिल, एक फटा हुआ टेडी बियर। उसके कैमरे की क्लिक होते ही सब कुछ थम गया।
पांच घंटे बाद, पेड़ों के बीच अचानक खुला मैदान आया... और वहीं वो था।
सेवरिन विला।
बेहद पुराना, बेलों से ढका, खिड़कियाँ टूटी हुईं, और दरवाज़ा आधा खुला। मानो किसी का इंतज़ार कर रहा हो।
वो आगे बढ़ा।
लोहे का गेट खुद-ब-खुद चरचराया और खुल गया। जैसे अंदर से कुछ बाहर भागा हो। दरवाज़े के पास एक झूला धीरे-धीरे हिल रहा था।
वो कैमरा ऑन करके अंदर गया। अंदर फर्श चरमरा रहा था। दीवारों की पेंट झड़ चुकी थी। दीवारों पर टंगी तस्वीरों में चेहरों की आंखें खरोंच दी गई थीं। दाईं तरफ एक रसोई का दरवाज़ा आधा खुला था।
रसोई में खाना अब भी प्लेटों पर सड़ा हुआ पड़ा था। कुर्सियाँ पीछे खिंची हुई थीं, जैसे सब भाग खड़े हुए हों। एक चाकू मेज में गड़ा हुआ था। ओवन खुला पड़ा था। तभी ऊपर से कदमों की आवाज़ आई।
धीमी। ठंडी। रिवन रुका। कैमरा कांप रहा था।“कोई है वहाँ?” उसने धीमे से पूछा। कोई जवाब नहीं।
वो सीढ़ियों की तरफ बढ़ा। हर कदम भारी लगता था, जैसे ज़मीन उसे नीचे खींच रही हो। ऊपर पांच दरवाज़े थे। सिर्फ़ एक खुला था।
एक बच्चे का कमरा। पुराना वॉलपेपर, ज़मीन पर एक म्यूज़िक बॉक्स। उसने बॉक्स उठाया, घुमाया… संगीत बजा।
अचानक पीछे का दरवाज़ा बंद हो गया। संगीत रुक गया।
तभी किसी की फुसफुसाहट:> "तुम्हें यहाँ नहीं होना चाहिए..."
रिवन ने पलटकर देखा — कोई नहीं था। वो बाहर भागा। नीचे के एक कमरे में उसे एक पुरानी लाइब्रेरी मिली। किताबें बिखरी थीं। एक मेज़ पर किताब खुली थी।
वो पढ़ने लगा:> “हमने उसे रोकने की कोशिश की... लेकिन अंधकार ने उसे चुन लिया। वो बच्ची अब बड़ी नहीं हुई। वो रात को चलती है। जिन कमरों को हमने बंद किया... वहाँ वो गाती है।”
पास में एक तस्वीर थी—एक लड़की, बिना आंखों के। सीढ़ियों के पास खड़ी। उसके पीछे—छायाएँ, जिनके सिर पर सींग थे।
नीचे लिखा था: "विला में कभी मत सोना।"
रिवन कांप गया। किताब बंद करते ही, लाइब्रेरी का दरवाज़ा खुद बंद हो गया। रिवन बाहर की तरफ भागा। मुख्य दरवाज़ा खोलकर जैसे ही वो निकला—बाहर जंगल गायब था। रात थी,कहीं कुछ नहीं। सिर्फ़ काली ज़मीन और आसमान।
वो पलटा। विला का दरवाज़ा फिर अपने आप बंद हुआ।
हवा में आवाज़ आई > "अब तुम भी रहस्य का हिस्सा हो..."
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जारी रहेगा…
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